राजस्थान के ऊर्जा संसाधन
ऊर्जा संसाधन के प्रकार
🔷️परम्परागत ऊर्जा संसाधन
वे संसाधन जो प्राचीन काल से उपयोग किए जा रहे है, इनके भण्डार सीमित है इसलिए इन्हें अवैकल्पिक/अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधन भी कहा जाता है।
1) तापीय ऊर्जा
🔷️कोयला आधारित तापीय ऊर्जा परियोजना
राजस्थान मे सर्वाधिक तापीय ऊर्जा परियोजनाएं कोयला आधारित है, कोयला आधारित अधिकांश परियोजनाएँ लिग्नाइट कोयले पर निर्भर है।
कोयला आधारित तापीय परियोजना के तीन प्रकार है।
🔶️सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट - वे तापीय परियोजना जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1000 मेगावॉट से अधिक है एवं किसी एक इकाई की उत्पादन क्षमता 500 मेगावाॅट से अधिक है।
1) सूरतगढ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट - श्री गंगानगर
उत्पादन क्षमता की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे बडा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट है।
2) छबडा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट - बांरा
उत्पादन की दृष्टि से यह राजस्थान का सबसे बडा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट है।
3) कालिसिंध सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट- झालावाड़
4) झालावाड़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट - झालावाड़
5) बांसवाडा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बांसवाडा
🔶️सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट
वे तापीय ऊर्जा परियोजना जिनकी उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट से अधिक हो किन्तु किसी भी ईकाई की उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट से अधिक न हो।
1) कोटा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट - कोटा
यह राजस्थान का एकमात्र बिटुमिनस कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट है।
2) कवई सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट- कवई (बांरा)
3) कपूरडी जालीपा सूपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बाडमेर
4) भारदेश सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बाडमेर
5) दानपुर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट - बांसवाडा
🔶️थर्मल पावर प्रोजेक्ट
वे तापीय ऊर्जा परियोजना जिनकी उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट से कम हो एवं किसी भी ईकाई की उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट से अधिक न हो।
1) गिरल थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बाडमेर
यह राजस्थान की पहली गैसीकरण लिग्नाइट तकनीक आधारित तापीय ऊर्जा परियोजना है।
इसकी स्थापना जर्मनी के सहयोग से की गई है।
2) गुढा थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बीकानेर
यह निजी क्षेत्र में स्थापित राजस्थान की पहली तापीय उर्जा परियोजना है, इसे आंध्रप्रदेश की मरूधरा कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है।
3) हाडला थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बीकानेर
4) नेवली थर्मल पावर प्रोजेक्ट- बीकानेर
बीकानेर मे चार स्थानो पर नेवली थर्मल पावर प्लांट लगाए गए हैं- बीकानेर, बरसिंहसर, बीठनोक, पलाना
🔷️ प्राकृतिक गैस आधारित थर्मल पावर प्रोजेक्ट
भारत की पहली गैस आधारित तापीय परियोजना- अंता (बांरा) - इसकी स्थापना 1989 मे हुई, यह राजस्थान व मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है।
1) रामगढ प्राकृतिक गैस आधारित तापीय परियोजना- जैसलमेर
यह राजस्थान की पहली गैस आधारित तापीय उर्जा परियोजना है, इसकी स्थापना 15 नवम्बर 1994 मे की गई।
2) धौलपुर कम्बांइड गैस परियोजना - धौलपुर
3) कैशोरायपाटन प्राकृतिक गैस परियोजना - बुंदी
4) झामरकोटडा प्राकृतिक गैस परियोजना- उदयपुर
5) कोटा प्राकृतिक गैस परियोजना- कोटा
6) छबडा प्राकृतिक गैस परियोजना- बांरा
नेफ्ता आधारित तापीय ऊर्जा परियोजना
1) धौलपुर गैस कम्बांइड परियोजना - धौलपुर
2) कैशोरायपाटन प्राकृतिक गैस परियोजना - बुंदी
2) जल विद्युत ऊर्जा
🔷️राजस्थान की स्वयं की जल विद्युत परियोजनाएँ
1)जाखम परियोजना - प्रतापगढ़ (जाखम नदी)
2) अनास परियोजना- बांसवाडा (अनास नदी)
🔷️राजस्थान की संयुक्त जल विद्युत परियोजना
1) भाखडा नांगल परियोजना- राजस्थान, पंजाब व हरियाणा (सतलज नदी) - इससे राजस्थान का हिस्सा 15.52% है।
2) व्यास परियोजना- राजस्थान, पंजाब व हरियाणा (व्यास नदी) - इसमे दो बांध बनाए गए है जिसमे पोंग बांध से राजस्थान को 59% एवं पडोह/दिहर बांध से 20% बिजली प्राप्त होती है।
3) चम्बल नदी घाटी परियोजना- राजस्थान व मध्यप्रदेश (चम्बल नदी) - इसमे राजस्थान व मध्यप्रदेश का हिस्सा 50:50%है।
4) राहुघाट परियोजना- राजस्थान व मध्यप्रदेश (चम्बल नदी) - इसमे भी राजस्थान का हिस्सा 50% है, इस परियोजना से सर्वाधिक करौली जिला लाभान्वित है।
5) माही बजाज सागर परियोजना- राजस्थान व गुजरात (माही नदी) - इसमे राजस्थान का हिस्सा 45%है।
3) आण्विक ऊर्जा
🔷️गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन
वे संसाधन जिनका उपयोग बाद मे शुरू हुआ उन्हे गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन कहा जाता है, इनके भण्डार असीमित है इसलिए इन्हें वैकल्पिक/नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन भी कहा जाता है।
1) पवन ऊर्जा
गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनो मे सर्वाधिक ऊर्जा उत्पादन पवन उर्जा से होता है।
पवन ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का भारत मे चौथा स्थान है। (प्रथम - तमिलनाडु)
प्रथम पवन ऊर्जा नीति- 18 जुलाई 2012
राजस्थान मे वर्तमान पवन ऊर्जा नीति - दिसम्बर 2019
राजस्थान की पवन ऊर्जा परियोजना
1) अमरसागर परियोजना- जैसलमेर
यह राजस्थान की पहली पवन ऊर्जा परियोजना है।
2) देवगढ, प्रतापगढ़
3) बीठडी, जोधपुर
4)बडा बाग परियोजना- जैसलमेर
यह राजस्थान मे निजी क्षेत्र की पहली पवन ऊर्जा परियोजना है।
5) हंसुआ परियोजना- जैसलमेर
6) सोढा बंधन परियोजना- जैसलमेर
7) हर्ष पर्वत परियोजना- सीकर
8) धनोत्तर (धनोतिया) परियोजना - प्रतापगढ़
यह राजस्थान की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा परियोजना है।
2) सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान है।
SEEZ - सोलर एनर्जी एन्टरप्राइजिंग जोन - राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर एवं बाडमेर जिलो मे सौर ऊर्जा की उत्पादन की सर्वाधिक संभावना है, इसलिए इन्हें SEEZ के रूप मे विकसित किया गया है।
प्रथम सौर ऊर्जा नीति - अप्रैल 2011
राजस्थान मे वर्तमान सौर ऊर्जा नीति - दिसम्बर 2019
राजस्थान मे सौर ऊर्जा परियोजना
मथानिया सौलर एनर्जी प्रोजेक्ट- जोधपुर
यह राजस्थान की प्रथम सौर ऊर्जा परियोजना है इसकी स्थापना जर्मनी, विश्व बैंक एवं भारत सरकार द्वारा की गई।
गौरीर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट- झुंझुनूं
अगोरिया सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट- बाडमेर
मोकला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट- जैसलमेर
खींवसर सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट- नागौर
भीरूखेडा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट- बीकानेर
नंदिया सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट- जोधपुर
धूनिया सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट - जोधपुर
सोलर पार्क/फार्म -
🔷️राजस्थान का प्रथम सोलर पार्क - भडला (जोधपुर)
🔷️राजस्थान का दुसरा सोलर पार्क- नोंख (जैसलमेर)
🔷️राजस्थान मे प्रथम सौर ऊर्जा विद्युतिकृत गाँव- नया गाँव (जयपुर)
🔷️राजस्थान का प्रथम सौर ऊर्जा विद्युतिकृत रेलवे स्टेशन- गोरमघाट (राजसमंद)
🔷️राजस्थान का प्रथम सौर ऊर्जा विद्युतिकृत हवाई अड्डा - सांगानेर (जयपुर)
3) बायोमास ऊर्जा
कृषि अपशिष्ट जैसे - चावल की भूसी, सरसो की खल, गैहू, कपास, गन्ना की कुंठल एवं शहरी कचरे का उपयोग कर उर्जा उत्पादन।
26 फरवरी 2010 को राजस्थान सरकार द्वारा बायोमास नीति लाई गई।
राजस्थान मे बायोमास संयंत्र
पदमपुरा बायोमास संयंत्र- गंगानगर
यह कृषि अवशिष्ट आधारित राजस्थान का पहला बायोमास संयंत्र है।
खेडली बायोमास संयंत्र- अलवर (सरसो की खल आधारित)
देवली बायोमास संयंत्र- टोंक (चावल की भूसी आधारित)
बालोतरा बायोमास संयंत्र- बाडमेर (शहरी कचरा आधारित)
रामगंज बायोमास संयंत्र- कोटा (शहरी कचरा आधारित)
अजमेर बायोमास संयंत्र- अजमेर (विलायती बबुल आधारित)
4) बायोगैस
पशु अपशिष्ट का उपयोग कर विद्युत या घरेलू ऊर्जा का उत्पादन करना।
बायोगैस के मुख्य घटक मिथेन (60%) एवं कार्बनडाइऑक्साइड (35%) है।
राजस्थान मे बायोगैस उत्पादन के सर्वाधिक संयंत्र उदयपुर में है।
राजस्थान मे ग्रामीण क्षेत्रों मे घरेलू उर्जा का सर्वश्रेष्ठ विकल्प बायोगैस है।
5) भु-तापीय ऊर्जा
पृथ्वी के भूगर्भीय तापमान का उपयोग करके विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करना।
वर्तमान में राजस्थान मे कही भी भूतापीय ऊर्जा का उत्पादन नही होता है, किंतु राजस्थान मे कुछ क्षेत्रो मे भुतापीय उर्जा उत्पादन की संभावना है जो निम्न है।
1) पुष्कर (अजमेर)
2) माउण्ट आबू (सिरोही)
6) ज्वारीय ऊर्जा
7) तरंग ऊर्जा
8) बायोडीजल
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
Target of solar policy 2019 |
RVPN - राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड
RVUN - राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड
RUVN - राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड
SECI - सोलर एनर्जी कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया
No comments:
Post a Comment
Comment us